Saturday, February 7, 2009

ग्रामोत्‍सव 2008 की स्‍मृतियां

ग्रामोत्‍सव यानी अपना गांव में नवहन के बीच एक दिन। इ सिलसिला अक्‍तूबर 2006 में शुरू भइल। कोशिश बा कि बहरी भितरी जे भी होखे साल में कम से कम एक बार एक दिन ही खातिर आओ। सबकरा संगे मीलो भेंटो। अपना अनुभव के अपना लोगन के बीच राखे- बांटे। प्राथमिक विद्यालय बड़कासिंघनपुरा में अइसने एगो दिन के स्‍मरण बा।


छोट भाई बहिन, के उछाह देखत बनता। सबमें जाने के सीखे के बोल आ बतियावे के आपन बात कहे के गजब उत्‍साह लउकत बा।
एहिजा बिजली लइखे, सड़क आवे के इंतजार बा, स्‍कूल अब खाड़ होखे के कोशिश में बा लेकिन जबन बात एहिजा सदा से रहल बा ज्ञान के दुनिया में रहेके। उ भूख अभियो जिंदा बा।






एक मौका पर लइका लोग से ज्‍यादा बढि़ चढि़ के लइकी हिस्‍सा लीहली हा स। लेकिन लगन सबका में बा। आगि अभियो बा आंच जियवले रहे के बा।
सबके खातिर एगो मंच आ मौका चाहीं। सराहे आ तनी समझावे वाला सहयोगी हाथ। फेरु त रउआ सब। देखत रहि जाइब इहिजा का होता।



1 comment:

  1. sasta lokpriyata kamae ke chokha dhandha ba.Aapan vidwata ke mahima mandit kare ke eh se badia aur eh se chhot kauno dosar sttar kuchh na ho sakat rahal ha.badia prayas ba.jaroor, simri prakhand mein raua sab ke pragatisheelta ke ee parcham fahrayee.re aapan manoranjan ke jaria eh masoom bachchan ke ta mat banai sabhe.dhanyavaad.Ar

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